Supreme Court के आदेशों को ताक पर रख महिला Animal Lover को देर रात तक Mumbai Police ने थाने में बैठाया।

Supreme Court के आदेशों को ताक पर रख महिला Animal Lover को देर रात 3 बजे तक Mumbai Police ने थाने में बैठाया। मामला मुंबई के गामदेवी थाना क्षेत्र का है। जहा नंदिनी नाम की एक महिला Animal Lover को पिछले कई दिनों से शीला नाम की एक महिला, पुलिस को बुलाकर थाने में बैठवा देती है। 

गामदेवी थाना क्षेत्र की एक महिला का नाम नंदिनी जो की एक Animal Lover है जो रोज़ाना ब्रिज कैंडी से लेकर थाना तक लगभग 300 बिल्लियों और 35 के आस पास डॉग्स को रोज़ खाना खिलाती है। लेकिन पिछले कई दिनों से वही की निवासी शीला शाह नाम की एक महिला जो स्वम् को भाजपा नेता भी बताती है वह उसी समय उस जगह पहुंच जाती है जहा नंदिनी बेसहारा जीवो को खाना खिलाती है और उसे खाना खिलाने से रोकती है, हंगामा करती है, खाना फेक देती है और जब नंदिनी नहीं मानती तो पुलिस हेल्पलाइन नंबर पर फोन कर पुलिस बुला लेती है। यहाँ मज़े की बात यह है की पुलिस भी शीला नाम की इस महिला का साथ देती है और नंदिनी को थाने ले जाकर बैठा देती है और देर रात 3 बजे तक बैठाये रखती है और ऐसा एक दिन या दो दिन से नहीं कई दिन से चल रहा है रोज़ शीला शाह आती है हंगामा करती है पुलिस बुलाती है और पुलिस नंदिनी को थाने ले जाती है। यहाँ आपको यह बताते चले की इस मामले में शीला शाह और मुंबई पुलिस जो कर रहे है  वह पूर्ण रूप से Supreme Court के आदेशों का उल्लंघन है। अब इस मामले से पल्लवी पाटिल, नेहा और सुहैल जो की सामाजिक कार्यकर्ता है जुड़ गए है जिन्होंने पुलिस के इस रवैये को देखते हुए कोर्ट जाने का फैसला लिया है। आइये सुनते है पीड़ित पशु प्रेमी नंदिनी जी के अनुसार क्या है पूरा मामला:



क्या है इस मामले से जुड़े सुप्रीम कोर्ट के आदेश:

Supreme Court


Supreme Court के आदेशानुसार किसी भी व्यक्ति को स्ट्रीट डॉग्स को खाना खिलाने से नहीं रोका जा सकता।

बॉम्बे हाईकोर्ट ने अक्टूबर 2022 में आदेश दिया था कि जो कोई भी आवारा कुत्तों को खिलाने में रुचि रखता है, उसे औपचारिक रूप से कुत्तों को गोद लेना होगा और उन्हें पहले नगरपालिका अधिकारियों के पास रजिस्ट्रेशन करना होगा और फिर उन्हें खाना खिलाना होगा। इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली गई थी। जिस पर 16 नवंबर 2022 को माननीय उच्चतम न्यायालय के जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस जेके माहेश्वरी की खंडपीठ ने अपना फैसला सुनाया था फैसले में खंडपीठ ने प्रथम दृष्टया एक अलग रुख अपनाते हुए हाईकोर्ट की उस टिप्पणी पर रोक लगा दी, जिसने इस पूर्व शर्त को निर्धारित किया था।

केस टाइटल

स्वाति सुधीरचंद्र चटर्जी व अन्य बनाम विजय शंकरराव तलेवार और अन्य। [डायरी संख्या 35297-2022] और अन्य संबंधित मामले

Supreme Court के आदेश के मुताबिक सूर्यास्त के बाद और सूर्योदय से पहले किसी भी महिला को गिरफ़्तार नहीं किया जा सकता है।

14 नवंबर 2017 को Supreme Court द्वारा जारी किये गए आदेश के मुताबिक सूर्यास्त के बाद और सूर्योदय से पहले किसी भी महिला को गिरफ़्तार नहीं किया जा सकता है। इतना ही नहीं इस दौरान पुलिस किसी भी महिला को पूछताछ के लिए थाने भी नहीं बुला सकती है। अगर पुलिस के साथ महिला पुलिस भी हो उस स्थिति में भी महिला को सूर्यास्त के बाद और सूर्योदय से पहले गिरफ्तार या हिरासत में नहीं लिया जा सकता है। अपराधिक दंड संहिता (सीआरपीसी) की धारा 46(4) 1973, महिलाओं की गिरफ़्तारी से जुड़े प्रावधानों को स्पष्ट करता है। जिसके मुताबिक कुछ विशेष परिस्थितियों को छोड़कर सूर्यास्त के बाद और सूर्योदय से पहले किसी महिला को गिरफ़्तार नहीं किया जा सकता है।

वहीं विशेष परिस्थिति में महिला की गिरफ़्तारी के समय किसी महिला पुलिस अधिकारी का होना ज़रूरी है। इतना ही नहीं साथ में लोकल फर्स्ट क्लास न्यायिक मजिस्ट्रेट का लिखा हुआ वारंट भी होना चाहिए। बता दें कि 21 दिसम्बर 2012 को भारती बनाम जाधव केस मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस क़ानून का प्रयोग करते हुए सूर्यास्त के बाद और सूर्योदय से पहले गिरफ़्तारी पर रोक लगाई थी।  

Supreme Court के आदेशों को पढ़ने के बाद आप समझ ही गए होंगे की शीला शाह पूर्ण रूप से Supreme Court के आदेशों का उल्लंघन कर रही है और जिसमे Mumbai Police भी उनका साथ दे रही है। यही बात पल्लवी पाटिल व अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओ द्वारा पुलिस को बार बार कही गयी की आप सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन कीजिये परन्तु पुलिस सुनने को त्यार नहीं Animal Lovers की भावनाये और सुप्रीम कोर्ट के आदेश अब तक इस मामले में मुंबई पुलिस के लिए कोई मायने रखते नहीं दिख रहे, इस सम्बन्ध में पल्ल्वी पाटिल द्वारा पुलिस विभाग के सभी उच्चाधिकारियों को ईमेल के माधयम से भी इस घटना के विषय में अवगत कराया जा चुका है लेकिन मुंबई पुलिस फिर भी बार एनिमल लवर नंदिनी को ही परेशान कर रही है।  इस मामले में पल्लवी पाटिल का कहना है की वह अब कोर्ट का रुख करेंगी और शीला शाह के साथ साथ मुंबई पुलिस के खिलाफ भी कार्यवाही की मांग करेगी। आइये देखते है क्या कहना है पल्लवी पाटिल जी का :



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